16 नवंबर, 2010
वाशिंगटन। वैज्ञानिकों ने 30 वर्ष पहले एक तारे के टूटने से उपजे नए ब्लैक होल की पहचान की है।
समाचार एजेंसी डीपीए के अनुसार तारे के टूटने की घटना को पहली बार 1979 में एक शौकिया खगोल शास्त्री ने देखा था। लेकिन इससे ब्लैक होल बना था, इस बात की पुष्टि होने में दशकों लग गए।
इस अध्ययन का नेतृत्व करने वाले हारवर्ड युनिवर्सिटी के वैज्ञानिक, डेनियल पैटनॉडे ने कहा कि तारे के टूटने की यह घटना पृथ्वी से कोई पांच करोड़ प्रकाश वर्ष दूर सुपरनोवा 1979सी में घटी थी। " यह अपने आप में किसी ब्लैक होल को देखे जाने का एक सबसे नजदीकी उदाहरण हो सकता है।"
वैज्ञानिकों ने आशा जताई कि यह अध्ययन आकाशीय पिंडो के बनने और तारों के टूटने के बारे में जानकारी मुहैया करा सकता है।
इसी विश्वविद्यालय के खगोल विज्ञानी अब्राहम लोएब ने कहा है, "शायद पहली बार किसी ब्लैक होल के बनने के एक सामान्य तरीके को जाना और समझा जा सका है।"
माना जाता है कि ज्यादातर ब्लैक होल तारों के टूटने से बनते हैं। लेकिन ब्लैक होल के बनने की घटना को देख पाना बहुत कठिन होता है।
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